Call us: . | Krishi@shivyogindia.com

ShivYog Farming

Menu
  • Home
  • ShivYog Farming?
    • What is ShivYog Farming?
    • How it all began
    • Benefits of ShivYog Farming
    • Shiv Yog Gaushala
    • Free Videos
    • Download Celestial Sound
  • Farmers Speak
    • From All states
      • From Goa
      • From Maharashtra
      • From Madhya Pradesh
      • From Rajasthan
      • From Haryana
      • From Gujarat
      • From Chhattisgarh
      • From Uttarakhand
      • From Uttar Pradesh
      • From Karnataka
      • From Andhra Telangana
      • From Bihar & Jharkhand
      • Farmers from Himachal Pradesh
  • Krishi Model Village
    • Krishi Model Village
    • Helpline Numbers
      • Gujarat Helpline
      • Madhya Pradesh Helpline
      • Maharashtra Helpline
      • Jammu & Kashmir Helpline
      • Haryana Helpline
      • Assam Helpline
      • Telangana Helpline
      • Uttar Pradesh helpline
  • Research
    • Research & Studies
    • Research & Reports
    • Talk with Scientist
  • In the News
    • Television Media
    • In Print Media
  • Websites
    • ShivYog India
    • ShivYog Forum
    • ShivYog Gaushala
    • Shiv Yog TV
    • Shiv Yog Cure is Possible

Farmers from Rajasthan

नाम :  हितेश रेबारी

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

हितेश रेबारी जी बांसवाड़ा, राजस्थान से हैं जहाँ पानी की कमी हो जाती है, कुछ साल पहले एक तरफ यूरिया और दवाइओं में पैसे लग जाते थे और दूसरी तरफ सूखे में पानी की परेशानी, हितेश जी ने जब देखा के दूसरे परिवारों में सुख शान्ति आ गयी है, उनका परिवार खुश है और फसलों की वृद्धि हो रही है, तो उन्होंने भी शिव योग कृषि सीखनी चाही अब वे बताते हैं के शिव योग करने से उनकी खेती में और जीवन में कैसे-कैसे बदलाव आ गए हैं |

नाम :  हितेश रेबारी

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

हितेश रेबारी जी बांसवाड़ा, राजस्थान से हैं जहाँ पानी की कमी हो जाती है, कुछ साल पहले एक तरफ यूरिया और दवाइओं में पैसे लग जाते थे और दूसरी तरफ सूखे में पानी की परेशानी, हितेश जी ने जब देखा के दूसरे परिवारों में सुख शान्ति आ गयी है, उनका परिवार खुश है और फसलों की वृद्धि हो रही है, तो उन्होंने भी शिव योग कृषि सीखनी चाही अब वे बताते हैं के शिव योग करने से उनकी खेती में और जीवन में कैसे-कैसे बदलाव आ गए हैं |

नाम :  लक्ष्मण लाल रेबारी

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

जब से बांसवाड़ा गावों में शिविर लगा, तब से लक्ष्मण लाल रेबारी जी शिव योग की खेती कर रहे हैं, जहाँ एक ज़माने में गावों में यूरिया भर - भर के लाया जाता था, अब लक्ष्मण लाल जी जैसे किसानों को इन रासायनिक दवाइयों की बिलकुल ज़रूरत नहीं पड़ती, फसल पकने के लिए दवाई और ज्यादा पानी में जो पैसे लगते थे, उनकी भी बचत हो जाती है, यहाँ लक्ष्मण लाल जी अपनी मक्के की खेती में जो सुधार आये हैं, उनके बारे में हमें बताते हैं |

नाम :  भवना रेबारी

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

दो साल पहले भवना रेबारी जी और बांसवाड़ा के और भी किसानों ने शिव योग कृषि सीखी थी, तब से, भवना जी कहते हैं, उनका गाँव बदल सा गया है, शिव योग अपनाने से गाँव में शांति आ गयी है, इसके साथ-साथ उनकी मकई का उत्पादन चार गुणा बढ़ गया है, यूरिया और रसायनिक खाद का न उपयोग करने से उनकी खेती में एक अच्छा बदलाव आया है जिसके बारे में वे यहाँ बात करते हैं |

नाम :  आनंद सुथार

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

अपनी दस बीघा ज़मीन पर बांसवाड़ा के आनंद सुथार जी शिव योग खेती करते हैं, एक साधारण किसान को कितने - कितने रसायन अपने खेत में डालने पड़ते हैं ये वे हमें समझाते हैं, ये स्पष्ट है की इसका आर्थिक दबाव भी किसानों पर पड़ता है, लेकिन शिव योग करने वाले आनंद सुथार जी की आर्थिक स्तिथि में सुधार आया है, यहाँ वे गर्व से हमें अपनी खेती और सोयाबीन की फलियाँ दिखाते हैं |

नाम : पवन कुमार

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

अपनी 10 बीघे की ज़मीन में बांसवाड़ा के पवन कुमार जी मक्का, गेंहू, सोयाबीन और ग्वार की खेती करते हैं, 2015 में उन्होनें शिव योग कृषि करना शुरू किया था, तब से अब तक उनके जीवन में अनगिनत बदलाव आये हैं, जहाँ खाद डाल के 10 बोरी भर उत्पादन मिलता था, अब बिना खाद डाले 20-30 बोरी भर फसल आती है, डाक्टरों के खर्चे, दवाइओं के खर्चे, खाद के खर्चे - ये सब अब ख़त्म और क्या लाभ मिले हैं इन्हें शिव योग कृषि से, इनसे जानिये |

नाम : रविंद्र रेबारी

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

बांसवाड़ा, राजस्थान के रविंद्र रेबारी जी के पास बंजर ज़मीन पड़ी थी, जिसपे सिर्फ घास उगती थी, शिव योग कृषि जब उन्होनें की, तो मिट्टी नरम और उपजाऊ होने लगी, वैसे तो रविंद्र जी सोयाबीन, मक्का, बाजरा और गेंहू की खेती करते हैं, शिव योग कृषि से इनके पौधों में जो वृद्धि आई और जानवरों पर जो असर पड़ा, वे इसके बारे में भी हमें बताते हैं |

नाम :  विरला भाई

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

ये तो जान गए हैं की शिव योग कृषि करने से किसान के जीवन में आर्थिक ही नहीं बल्कि मानसिक बदलाव भी आता है, जीवन के हर पहलू में सुधार आते हैं, विरला भाई जो मक्का उगाते हैं, इनकी खेती और इनके उत्पाद में उन्नति तो हुई ही है साथ ही साथ समाज में भी इनका नाम होने लगा है यहाँ ये अपने जीवन के इस अमूल्य परिवर्तन के बारे में बात करते  हैं |

नाम :  नागेर सिंह 

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

नागेर सिंह जी बांसवाड़ा में गेंहू और सोयाबीन की खेती करते हैं, जहाँ गेंहू के खेत में 6 - 7 क्विंटल उपज आती थी, अब 14 - 15 क्विंटल आती है, इनकी सोयाबीन की खेती में इन्होंने एक तरफ तो शिव योग के हिसाब से खेती करी और एक तरफ जैसी पेस्टिसाइड - डली खेती चलती आ रही है वैसी, जानिये इनसे इन्होनें दोनों में क्या फरक देखे और कैसे दवाई न छिड़कने से उन्हें कितने सारे फायदे मिल रहे हैं |

नाम :  हरेश बुनकर

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

बांसवाड़ा के हरेश बुनकर जी अपनी 16 बीघा जमीन पर पिछले तीन साल से शिव योग कृषि कर रहे हैं, बाकी किसानों की तरह ये गेंहू और सोयाबीन की खेती करते थे लेकिन इस साल इन्होनें कपास भी लगाया है वैसे तो कपास की खेती में बहुत कुछ छिड़का और डाला जाता है जिसमें खर्चा भी काफी हो जाता है, लेकिन हरेश जी शिव योग से ऐसे खेती कर रहे हैं के आजु-बाजु के किसानों की तुलना में इन्हें आराम हैं, यहाँ जानिये इनसे कैसे शिव योग कृषि से इनके जीवन में आर्थिक सुधार आया है |

नाम :  रतन लाल रेबारी

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

रतन लाल रेबारी जी, बांसवाड़ा राजस्थान के हैं, जब से इनके गाँव के किसानों ने शिव योग कृषि सीखी है, तब से पूरे गाँव में बदलाव आ गया है, प्रत्येक किसान की खेती में, पशुओं की सेहत में, दूध के उत्पादन में, घर की आमदनी में - इन सब में बढ़ोत्तरी तो हुई ही है लेकिन इसके साथ - साथ कई आतंरिक बदलाव भी आये हैं, जब लोग बदलते हैं, तब उनका समाज कैसे बदलता है जानिए रतन लाल जी से |

नाम :  संजय रेबारी

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

जब ग्रीन रेवोलुशन आई तब मकसद ये था, की ज्यादा से ज्यादा अन्न का उत्पादन हो, अन्न का उत्पादन बढ़ाते - बढ़ाते हम अपनी ज़मीन की सेहत, अपनी सेहत और अपने धन को गँवाने लगे, समय लगा लेकिन अब किसानों के साथ साथ डॉक्टर्स भी समझ गए हैं रसायनों के इस्तेमाल का खतरा, संजय रेबारी जी, एक नवयुवक, २० बीघा जमीन पर खेती करते हैं, इस ज़मीन की देखभाल करने का महत्व वे इस उम्र में ही समझ गए हैं, इस देश के और सारे नौजवानों के लिए उनका एक सन्देश |

नाम : गोविन्द हीरालाल

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

गोविन्द हीरालाल जी शिव योग से कुछ डेढ़ साल से जुड़े हैं. शिव योग कृषि की शुरुवात करने के लिए उन्होनें एक बंजर ज़मीन चुनी जिसमें कभी कुछ उगाया नहीं गया था. वैसे तो मक्कई की फसल केमिकल दाल के भी ज्यादा बड़ी नहीं होती, लेकिन गोविन्द जी ने जब पहली बार इस बंजर ज़मीन में मक्कई उगाई तो उनके पौधे ऊंचाई में काफी बड़े निकले. अवधूत शिवानंद जी सिखाते हैं के शिव योग किसानों की फसल ऐसे हो के सारी दुनिया आके देखे के फसलें ऐसी भी हो सकती है. यहाँ गोविन्द जी हमें उनकी मक्कई की मात्रा और स्वाद में परिवर्तन के बारे में बताते हैं |

नाम : गफर रेबारी

जिला और राज्य : बांसवाड़ा, राजस्थान

पिछले 6 महीनों से बांसवाड़ा, राजस्थान के गफर रेबारी, एक किसान और छात्र, शिव योग कृषि का अभ्यास कर रहे हैं. जैसे उन्हें सिखाया गया, दिन में चंद मिनिटों के लिए गफर शिव योग साधना करते हैं. मक्के और सोया की खेती करने वाले इस किसान को अपनी पैदावार में खूब बढ़ौतरी दिखाई दे रही है. यहाँ वे हमें सोया की कलियाँ दिखाते हैं जिनमें फलियों की संख्या दो से आठ गुणा बढ़ गयी है |

Personal Experience

नाम : शम्भू लाल मीणा

जिला और राज्य : दौसा, राजस्थान

साधना करने से खेती भी अच्छी हो  रही है।  जितना आगे की और जा रहे है उतनी ही उन्नत्ति हो रही है।

मिट्ठी में उर्वरक क्षमता में वृद्धि हो रही और खेती करने में मदद मिल रही है। 

खेती में सहायता करने वाले जीवाणु की वृद्धि हो रही है। 

पशुधन : पशुओं के स्वस्थ में सुधार और दूध के स्तर में बढ़ोतरी हो रही है। 

पारिवारिक जीवन : साधना करने से घर में सुख शांति

Personal Experience

नाम : बनवारी प्रजापति

जिला और राज्य : दौसा, राजस्थान

शिवयोग शक्ति डालने से फसलों में अधिक उत्पादन मिला और उत्तम बीज

कम पानी में भी फसल अच्छी और हरीभरी 

पारिवारिक जीवन : परिवार में मधुरता और ख़ुशी रहती है

Personal Experience

नाम : धर्म सिंह मीणा

जिला और राज्य : दौसा , राजस्थान 

फसलों में अच्छी बढ़ोतरी हो रही है

शिवयोग शक्ति डालने से फसलों में प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव नहीं पड़ा।

जंगली जानवरों से भी छटकारा मिला और फसलों को नुकसान नहीं करते

शिवयोग शक्ति से गायों के दूध में वृद्धि

व्यसन : सभी प्रकार के व्यसनों से मुक्ति

पारिवारिक जीवन : शिवयोग करने से घर में रहन सहन में सुधार और मधुरता

Personal Experience

नाम : हरीबल मीणा

जिला और राज्य : दौसा, राजस्थान

खेती : बाजरा, गेंहू और जौ

बिना बरसात के भी बाजरे की फसल में कोई कमी नहीं आयी और हरा भरा है शिवयोग शक्ति के माध्यम से।

उत्पादन बढ़ा अच्छी फसलों से और बाहर के कर्ज़ों से भी मुक्ति। 

पशुधन : शिवयोग शक्ति करने से पशुओं के स्वस्थ में वृद्धि और दूध में बढ़ोतरी। 

पारिवारिक जीवन : पूरा परिवार रोज़ साधना करते है जिससे की परिवार में सुख और मधुरता आ गयी है।  

Personal Experience

नाम : कालूराम मीणा 

जिला और राज्य : टोन्ड, राजस्थान

खेती : सरसों

पहले की खेती में ज्यादा उत्पादन नहीं होता था आज उसी खेत में शिवयोग शक्ति डालने से अत्यधिक उत्पादन मिल रहा है। 

फसल की गुणवत्ता की वजह से बाजार में जल्द और अच्छे दामों पर फसल की बिक्री हुई

बीज भी अच्छे हुए और लोगो में बीजों की मांग बढ़ी।

खेती में सहायता करने वाले जीवाणु की वृद्धि हो रही है। 

व्यसन : लम्बे समय के व्यसन से मुक्ति मिली शिवयोग के बाद 

पशुधन : शिवयोग के बाद पशुओं के स्वस्थ में सुधार हुआ और तंदुरस्त है 

Personal Experience

नाम : रामहेत मीणा

जिला और राज्य : दौसा, राजस्थान

शिवयोग कृषि करने से फसलों में किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं लगी।

शिवयोग कृषि करने से फसलों में डेढ़ से दोगुना की बढ़ोतरी

शिवयोग शक्ति डालने के बाद कम में भी अच्छी फसल

पशुधन : शिवयोग साधना से बीमार पशुओं में सुधार और दूध में भी वृद्धि।

Personal Experience

नाम : कैलाश चंद्र शर्मा

जिला और राज्य : दौसा, राजस्थान

खेती : बाजरा

बाजरे की फसल में दुगना उत्पादन और उत्तम बीज

दूसरे के अपेक्षा में मेरे बाजरे की फसल अच्छी हुई। 

पशुधन : शिवयोग साधना करने से बीमार पशुओं के स्वस्थ में सुधार और दूध के उत्पाद में वृद्धि। 

पारिवारिक जीवन : पारिवारिक झगड़ें होने बंद हो गए शिवयोग के बाद परिवार में मधुरता और सुख शांति आ गयी

Personal Experience

नाम : प्रकाश सैनी 

राज्य और जिला : दौसा , राजस्थान

खेती : गेंहू 

शिवयोग कृषि की शक्ति से जंगली जानवरों ने खेतों को नुकसान पहुंचना बंद कर दिया। 

शिवयोग कृषि करने से गेंहू की फसल हुई। 

कुए ट्यूबवेल और तालाब में जल के स्तर में वृद्धि। 

आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ है। 

पशुधन : शिवयोग साधना से पशु भी स्वस्थ रहने लगे और दूध में भी वृद्धि

Personal Experience

 नाम : प्रभाती लाल

जिला और राज्य : दौसा, राजस्थान

खेती : हरी मिर्च और टमाटर 

शिवयोग साधना करते है बीजों पर अच्छी पैदावार के लिए।  

शिवयोग साधना करने से फसल में जल्दी अंकुरित आना और कम खाद में अच्छी पैदावार। 

कम खर्च में ज्यादा उत्पादन। फसल की बिक्री जल्द और अच्छे दामों पर।

Personal Experience

नाम : जमना सिंह मीणा

जिला और राज्य : केकड़ी, अजमेर

खेती : सरसों

शिवयोग कृषि करने से सरसों की फसल में दोगुनी वृद्धि। 

कम खर्चे में अच्छी फसल खर्चा कम हो गया और पैदावार अधिक। 

पशुधन : शिवयोग साधना करने से पशुओं के दूध में वृद्धि।

पारिवारिक जीवन : शिवयोग के बाद घर में किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं और सुख सम्पनता और मधुरता 

Also see this:

Archives

  • December 2018
  • February 2018
  • December 2017
  • November 2017
  • September 2017
  • August 2017
  • July 2017
  • May 2017

Recent Posts

  • Shiv Yog WISHES YOU A HAPPY NATIONAL FARMERS DAY
  • A gift of Ancient India
  • World Soil Day
  • Changing the face of Modern Farming
  • SHIV YOG COSMIC FARMING: SUCCESS STORIES 35

Subscribe to Shiv Yog Farming

  • किसान के परिवार की आर्थिक, सांसारिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

  • किसान ग्रहदोष, पितृदोष, भूमि दोष से मुक्ति पा जाता है।

  • किसान की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

  • किसान दिन-प्रतिदिन अधिक से अधिक स्वस्थ और ऊर्जावान होता जाता है।

  • फसल उत्पादन बढ़ता जाता है और धरती भी निरंतर उपजाऊ होती जाती है।

  • किसान स्वयं बीज का उत्पादन करने में सक्षम होता है।

  • कृषि पर होने वाला खर्च भी कम होता है जिससे किसान संपन्न होता है।

Join Hands with ShivYog Farming!

The Solution for Safe food on Your Plate

Subscribe to ShivYog Farming

  • In the News
  • In Print Media

© 2017 ShivYog Farming. All Rights Reserved. For Parent Site visit ShivYog.